Top 7 Study Techniques
जो आपको टॉपर बनने में मदद करेगी
1.Pomodoro Technique (पोमोडोरो तकनीक)
अक्सर जब विद्यार्थी गण पढ़ाई करना शुरू करते हैं और वह लंबे समय तक बैठकर पढ़ने की कोशिश करते हैं तो इसमें उन्हें एक बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है कि उनका ध्यान भटकता है और एक ही घंटे दो घंटे में उबाल महसूस होने लगता है तो इस समस्या से बचने का एक जापानी तकनीक है जिस की जापान के लोग उसे करते हैं और अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं और यह ऐसी तकनीक है जिससे कि लगातार आप 10-10, 12-12 घंटे तक बिना थके बिना ओवन पढ़ाई कर सकते हैं और पढ़ाई में आपकी पूरी रुचि भी बनी रहेगी तो आईए देखते हैं कि यह कौन सी इंटरेस्टिंग तकनीक है जिससे हम अपनी कार्य क्षमता को 10 गुना बढ़ा सकते हैं इस तकनीक में आप 25 मिनट तक ध्यान फोकस करते हैं फिर 5 मिनट का ब्रेक लेते हैं और ऐसा लगातार करते हुए आप अपनी पढ़ाई को 5-6 घंटे 7-8 घंटे 8-10 घंटे और 10-12 घंटे भी जारी रख सकते हैं इससे आपकी पूरी रुचि बनी रहेगी इससे आपकी फॉक्स और ध्यान करने की क्षमता बढ़ती है और थकान भी कम होती है
2.Mind Mapping (माइंड मैपिंग)
अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे क्लास में पढ़ाई करते रहते हैं चाहे वह स्कूल की क्लास हो या कोचिंग की क्लास हो और बीच में जब उनसे सवाल पूछा जाता है तो वह अचानक से चौंक जाते हैं जैसे कि वह पूरी तरह से क्लास में ना हो शरीर से तो वह क्लास में बैठे होते हैं लेकिन उनका ध्यान कहीं और होता है और जब स्टूडेंट से पूछा जाता है कि उन्होंने क्या पढ़ाई किया है तो वह कोई जवाब नहीं दे पाते हैं इसका कारण यह होता है कि वह कुछ सोचते रहते हैं और उनका ध्यान कहीं और होता है जबकि होना यह चाहिए कि अगर बच्चे ने क्लास अटेंड किया है तो उसे पूछने पर हंड्रेड परसेंट वह ना बता पाए लेकिन फिर भी वह 80 परसेंट तो बता सकता है 60% तो बता सकता है कम से कम 50% तो बता सकता है माइंड मैप मैपिंग एक ऐसी तकनीक है जिससे कि आप क्लास में बताई गई चीजों को 80 से 90% तक रिकवर कर सकते हैं तो आईए जानते हैं मन में मैपिंग तकनीक के बारे में माइंड मैप इंग में आप अवधारणाओं को क्लास में बताई गई चीजों को इमेजिनेशन करके आप उसको अपने कल्पना में देखते हैं आप एक केंद्रीय विचार से शाखाएं बनाते हैं जो संबंधित विषयों को दर्शाते हैं यह तकनीक याददाश्त और समझ दोनों को बेहतर बनाती है जब टीचर किसी भी टॉपिक को एक्सप्लेन कर रहे हो तो आपको अपने दिमाग में उन सारे चित्रों को सोचना होता है जो शब्दों के माध्यम से अध्यापक आपको बताते हैं अगर आप ऐसा करते हैं तो आप एक कहानी में होते हैं और पढ़ाया हुआ याद नहीं रहता है लेकिन कहानी याद जरूर रहती है इसलिए आप पढ़ते समय माइंड मैपिंग का इस्तेमाल करके रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं
3.Flashcards (फ्लैश कार्ड)
अक्षर विद्यार्थियों में यह बात देखा जाता है कि वह हमेशा पढ़ाई करते रहते हैं चीजों को याद करते रहते हैं मैथ के एग्जांपल्स देखते रहते हैं उन्हें लगता है कि मैं पढ़ाई कर रहा हूं और मेरी पढ़ाई ठीक ढंग से हो रही है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह एक गलतफहमी में रहते हैं और यह गलतफहमी एग्जाम में जाकर बहुत बड़ा रूप ले लेती है और जब उन्हें इसका पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है मैं इस बात की और आपका ध्यान ले जाना चाहता हूं कि हम चीजों को पढ़ते तो हैं लेकिन खुद को टेस्ट नहीं करते हैं
जबकि हमें खुद को चेक भी बीच-बीच में करते रहना चाहिए कि क्या जो चीज मैंने पढ़ी है क्या मैं ग्रहण तो किया लेकिन क्या आउटपुट उसका आ रहा है उसका कुछ रिजल्ट निकल पा रहा है क्या मैं सादा कागज और कलम लेकर बैठो तो मैं उसे टॉपिक पर कितना लिख सकता हूं कितना मेरे अंदर आया है इसके लिए एक जो बेहतरीन तकनीक है वह है माइंड मैपिंग तो आईए जानते हैं इस तकनीक के बारे में की कैसे आप इस तकनीक को उसे करके क्लास में नंबर वन बन सकते हैं एग्जाम में हीरो बन सकते हैं और परीक्षा में टॉपर बना सकते हैं तो आईए देखते हैं माइंड मैपिंग तकनीक
फ्लैश कार्ड यह एक ऐसी तकनीक है इसमें एक कार्ड का उपयोग करते हैं इस तकनीक में आपको महत्वपूर्ण शब्दों और अवधारणाओं को याद रखने में मदद मिलती है इसमें आप एक तरफ प्रश्न लिखते हैं जबकि कार्ड के दूसरी और उत्तर लिखते हैं जिससे आप खुद को टेस्ट कर सकते हैं |
4.Summarization (सारांश लेखन)
पढ़ाई की यह तकनीक अपने आप में एकदम खास है आप कोई भी क्लास दे रहे हो कोई भी सब्जेक्ट की स्टडी कर रहे हो आप कोई किताब पढ़ रहे हो या कोई खास चीज कर रहे हो उनका सारांशिकरण करके आप उसको अपने दिमाग की गहराई में बैठ सकते हैं इस तकनीक में आपको जो भी चीज आप पढ़ रहे हैं उसका सारांश बनाना होता है उसको छोटे रूप में लिखना होता है और इसे भी आप शब्दों में बताकर कर सकते हैं जैसे अगर एक ही प्रश्न के उत्तर आपको अति लघु में देना है तो एक लाइन लघु में देना है तो चार लाइन दीर्घा में देना है तो डेढ़ सौ शब्द और अगर आती दीर्घा में देना है तो 300 से 400 शब्द होने चाहिए
आपने जो कुछ भी पढ़ा है इसका सारांश बनाकर उसको छोटा करके लिखने से आप को में पॉइंट्स को याद करने में मदद मिलती है इससे आपकी समझने की क्षमता भी बेहतर होती है और क्योंकि आप अपनी टॉपिक को अपने शब्दों में लिखते हैं तो वह सीधे मन में रजिस्टर होता जाता है और आपको पूरी तरह से दिमाग में बैठ जाता है
5.Self-Explanation (आत्म व्याख्या)
जब आप किसी टॉपिक को खुद से पढ़ते हैं और किताब में लिखी गई चीजों को खुद से समझने की कोशिश करते हैं तो आप अपने आप को समझने की कोशिश करते हैं इससे आपकी समझ गहरी होती है किसी भी विषय को स्पष्ट करने से आपको इस विषय में स्पष्ट मिलती है आपने जो भी चीज पढ़ा है जो भी चीज सिखा है कक्षा में जिस भी पाठ को अध्यापक ने पढ़ाया है चाहे वह हिंदी हो केमिस्ट्री हो फिजिक्स हो मैथ्स हो बायो हो साइंस को इंग्लिश को हिंदी हो आप किसी भी सब्जेक्ट की पढ़ाई कर रहे हो अगर आपने कोई नई चीज सीखी है तो उसे आप एक्सप्लेन करें आप यह एक्सप्लेन अपने दोस्तों से कर सकते हैं अपने फैमिली मेंबर्स से कर सकते हैं और अगर इन सब के अलावा अगर आप खुद को ही एक्सप्लेन करना चाहते हैं तो खुद से भी एक्सप्लेन कर सकते हैं आप एक कलम और सादा कागज उठाएं या फिर रफ कॉपी और उसे पर उन सारी चीजों को एक्सप्लेन करना शुरू कर दें जो आपने नया-नया अभी सीखा है ऐसा करने से आपके दिमाग में यह सारी चीज गहराई से बैठ जाती हैं और आप उसको लंबे समय तक याद रख सकते हैं
6.Practice Testing (अभ्यास परीक्षण)
किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए खुद को टेस्ट करना बहुत जरूरी है और इसका सबसे अच्छा तरीका होता है अभ्यास अभ्यास से हम चीजों को बेहतर बना सकते हैं अगर बात करें पढ़ाई की तो पढ़ाई में जो पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र होते हैं जो प्रीवियस ईयर के पेपर्स होते हैं वह आपकी तैयारी को और मजबूत बनाते हैं और इससे आपको सफल होने में बहुत मदद मिलती है एक और जो सबसे बड़ा फायदा होता है जवाब पिछले वर्षों के प्रश्नों को हल करते हैं तो आपको यह भी पता चलता है कि किस में कौन सा टॉपिक आपका ज्यादा मजबूत है और कहां पर आप कमी कर रहे हैं इससे आपको अपनी ताकत और आपकी कमजोरी का पता चलता है आपने बहुत लोगों को यह कहते सुना होगा प्रेक्टिस इस द बेस्ट टीचर इसका सीधा सा मतलब यही होता है कि जब कोई काम आप पहली बार करते हैं तो बहुत सारी आपसे गलतियां होती हैं लेकिन जब इस काम को आप दूसरी बार करते हैं तो कुछ काम गलतियां होती हैं और अगर आप 10वीं करते हैं तो आप पहले करने की अपेक्षा 10 गुना बेहतर करते हैं इसलिए जो भी चीज आप पढ़ रहे हैं अध्ययन कर रहे हैं उसकी प्रेक्टिस करें उसकी टेस्टिंग करें और यह देखें कि क्या आप आउटपुट दे पा रहे हैं दे पा रहे हैं तो कितना आप उसको बेहतर कर पा रहे हैं क्या यह 40% हो पा रहा है 50% 60% या फिर 90%
7.Active Recall (सक्रिय पुनः स्मरण)
कई बार क्या होता है की स्टूडेंट जब सवाल लगते हैं तो इससे पहले वह एग्जांपल्स देखते हैं कि कोई इस तरह का सवाल लगा है या नहीं लगा है या फिर कोई चीज याद करने में भी जब वह भूल जाते हैं तो वह फट से काफी खोल लेते हैं या फिर सवाल एग्जांपल का देखकर खुद से लगाते वक्त जब बीच में अटक जाते हैं तो फट से पन्ना पलटते हैं और किताब में देखने लगते हैं लेकिन मैं यहां पर आपको कहना चाहूंगा स्टूडेंट की एक क्षण रुकिए थोड़ा ठहर जाइए और अपने दिमाग पर जोर डालकर याद करने की कोशिश करिए कि वह कौन सा पॉइंट था जो मैं मिस कर रहा हूं वह कौन सा शब्द था जो इसके आगे में भूल रहा हूं जब आप ऐसा करते हैं तो आपका दिमाग काम करता है और उसे चीज को ढूंढने की कोशिश करता है जो मिस हो रहा था लेकिन अगर तुरंत कॉपी खोल कर या किताब खोलकर देख लेते हैं तो इससे आपका जो दिमाग लगाना था वह नहीं लगा जिससे दिमाग का विकास रुक जाता है तो इसी तकनीक का नाम है सक्रिय पुनः स्मरण लिए जानते हैं इसके बारे में और समझते हैं कि कैसे हम इसका उपयोग करके बेहतर बन सकते हैं
एक्टिव रिकॉर्ड मतलब की सक्रिय पुनः स्मरण का मतलब होता है कि आपने जो भी चीज पड़ी हैं उसे बिना देखे याद करने की कोशिश करें इससे आपको लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है
तो आशा करते हैं स्टूडेंट्स की आपको यह टॉप 7 स्टडी टेक्निक्स पसंद आई होगी कमेंट सेक्शन में आप अपनी राय लिखना ना भूले अगर आप हमसे जुड़ना चाहते हैं तो हमारे यूट्यूब चैनल प्रभात इंस्टीट्यूट मिर्जापुर पर विकसित कर सकते हैं अगर आप भी किसी विशेष तकनीक के बारे में जानते हैं जो विद्यार्थियों को पढ़ाई में हेल्प कर सके तो उसको भी यहां लिखना ना भूले हमारे लिए आपके सुझाव मायने रखते हैं अगर हमारे लिए कोई सुझाव हो तो उसे भी आप कमेंट सेक्शन में लिखना ना भूले तो मिलते हैं अगले पोस्ट में..
जय हिंद